मेरी जिंदगी का हर दिन तुम्हारा ही तो है...........
मैंने तुम्हें कभी नहीं कहा कि मैं तुमसे प्यार करती हूं, तुमने भी नहीं कहा कि तुम मुझे सबसे ज्यादा प्यार करती हो. हर वक्त थैंक्यू और सॉरी बोलने वाली मेरी जुबान ने कभी भी रात को बिस्तर पर पानी का ग्लास पकड़ते वक्त तुम्हें थैंक्यू, शुक्रिया या धन्यवाद नहीं कहा. मेरी महीनों लंबी बीमारी में तुमने वही दर्द और पीड़ा महसूस किया, जिसे मैं झेल रही थी. मेरे चेहरे का उदास होना काफी था तुम्हारे चेहरे की रंगत उड़ा देने के लिए, मेरी आंखों में आया पानी का हर कतरा तुम्हारी आंखों से होकर गुजरता है. प्यार और प्रेम की पहली परिभाषा हो तुम मेरे लिए, ऐसी परिभाषा जिसे दुनिया का हर इंसान बिना किसी शक के स्वीकार कर सकता है. मुझे याद है एक बार ट्यूशन से आने में मुझे काफी देर हो गई थी. रात के सन्नाटे में दरवाजे पर तुम खड़ी थी. तुम्हारी आंखों की बेचैनी तुम्हारे डर को बयां कर रहे थे. मैं अंदर से डर गई थी कि आज तो जबर्दस्त डांट पड़ने वाली है. मगर तुमने मुझे डांटा नहीं. तुमने कभी मुझे यह नहीं बताया कि मेरे भाई और मेरे बीच क्या फर्क है? तुमने जितनी आजादी अपने बेटे को दी उससे ज्यादा मुझे दिया है, तुमने हम दोनों भा