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खराब शिक्षा व्यवस्था के शिकार हैं बिहारी स्टूडेंट्स

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बिहार मैट्रिक परीक्षा नकल  मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक फिलहाल नकल के क्षेत्र में बिहार की धूम मची हुई है, जिसे देखो वही नकल की तस्वीर अपने फेसबुक पर शेयर कर रहा है. टीवी रिपोर्टर से लेकर एंकर तक के पास सिर्फ यही न्यूज है बताने के लिए. शिक्षाविद् बच्चों के भविष्य और बिहार की स्थिति के ऊपर मोटे-मोटे आंसु बहा रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे इस दुनिया में न तो पहले नकल हुई है और न बाद में कभी होगी. फोटो शेयर करने वाला हर व्यक्ति अपने-आपको पाक-साफ बता रहा है. मैं कहीं से भी मैट्रिक परीक्षा में हो रहे इस नकल का समर्थन नहीं कर रही हूं, मैं सिर्फ बिहार के स्कूलों का वह यथार्थ बताने की कोशिश कर रही हूं जिसके कारण यह स्थिति इतनी भयावह हो गई है. मैं जिस हाई स्कूल में पढ़ती थी वहां कभी भी सारे विषयों के शिक्षक मौजूद नहीं रहे. हमारे स्कूल का चपरासी वाल्मीकि हमें संस्कृत पढ़ाता था.  साइंस, गणित, अंग्रेजी के अच्छे शिक्षकों से हमारा कभी हाईस्कूल में पाला नहीं पड़ा, वो तो कृपा थी कि गांव में कोचिंग चलता थी, जिसके सहारे हमारे गांवे के बच्चे 10वीं परीक्षा में पास कर जाते थे. 10वीं तक तो रोजाना स्